जीवन और मृत्यु
१.
मृत्यु एक भय है
और
जीवन !
उस भय की अवाधि ।
२.
जीवन एक द्वंद है
समय और
प्राणी के बीच ,
और
मृत्यु उस द्वंद का
परिणाम,
समय की
विजय के रूप में ।
३.
जीवन शुरु होता है
नवजात के रुदन पर
और समाप्त होता है
किशोर ,युवा और बूढों
के रुदन पर ,
किंतु मृत्यु का कोई आरम्भ ,
कोई अंत नही
वो तो
अंतिम लक्ष्य है
प्रत्येक जीवन का ।
४.
जीवन है
कलकल करती बहती नदी,
और मृत्यु है
शांत और अथाह सागर ।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment